नई दिल्ली। वैश्विक मीडिया रिपोर्ट में भारतीय मीडिया के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। रिसोर्टर्स विदआउट बाॅर्डर्स यानि आरएसएफ का मानना है कि भारत की रैकिंग में गिरावट की बड़ी वजह वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हिन्दू चरमपंथी संगठनों द्वारा पत्रकारों के प्रति हिंसक होना है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मीडिया पूर्व के मुकाबले दो पायदान नीचे गिरकर 1387 वे स्थान पर पहुंच गया है। संस्था की रिपोर्ट में महिला पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का जिक्र खासतौर पर किया गया है। आरएसएफ के अनुसार मीडिया की आजादी के मामले में नार्वे लगाता दूसरे साल भी नम्बर वन पर कायम है जबकि उत्तर कोरिया में मीडिया की आवाज को दबाया जा रहा है। उत्तर कोरिया के बाद तुर्कमेनिस्तान, सीरिया, और चीनी मीडिया का स्तर पर खाफी खराब है। चीन दूसरे साल भी 175 वे पायदान पर है।
रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि भारत में सत्ता और हिन्दुत्व विरोधी खबरों के मामले में पत्रकारों और लेखकों को अपमानित करने के साथ साथ जान से मारने की धमकी दी जाती है। रिपोर्ट में कहा गया कि हाल के वर्षों में ऐसी धमकियां बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार मीडियाकर्मियों के विरूद्ध हुई हिंसा में तीन पत्रकारों को जान से मार दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक पहले ऐसी घटनाएं उन ग्रामीणों क्षेत्रों में मिलती थी जहां बहुत कम वेतन पर पत्रकार काम करते हैं।var /*674867468*/