बिलासपुर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की सील और मुहर चोरी करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में पुलिस ने एक अधिवक्ता और एक फर्जी पत्रकार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से सील और मुहर के अलावा कई फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए है।
सिविल लाइन पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि सांची कालोनी सरकंडा निवासी राजेश मैसी अपने कार में ऑल इंडिया काईम प्रेस की पट्टी लगाकर घूम रहा है। ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का लोगो लगाकर ठगी करने के ईरादे से शहर में घुम रहा है। मुखबीर की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। इसके बाद थाना प्रभारी शनिप रात्रे के नेतृत्व में तत्काल थाना सिविल लाईन एवं सायबर सेल का संयुक्त टीम बनाकर मौके में जाकर घेराबंदी की गई और संदिग्ध सफेद रंग के स्कोडा कार क0 सीजी 10 यु 7733 को रोककर जांच किया गया। कार के पीछे ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का नाम का पट्टी स्टीकर लगा था एवं कार के सामने ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का लोगो बना हुआ था। कार में चालक राजेश मैसी नामक व्यक्ति बैठा था जिसे पूछताछ करने पर अपने आपको ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का डायरेक्टर बताया। दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा गया तो राजेश मैसी ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया की सर्टिफिकेट एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए। दस्तावेज का अवलोकन किया गया जो office of ragistarar of news paper for Indid application for title के फार्म पर माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के पदनाम का सील एवं हस्ताक्षर होना पाया गया। साथ मे एक घोषणा पत्र जिसमें भी माननीय सीजेएम डमरूधर चौहान के पदनाम का सील एवं हस्ताक्षर था। घोषणा पत्र में सायरन लगाने हेतु सीजेएम बिलासपुर का परमिशन लिखा था जो प्रथम दृष्ट्या फर्जी एवं कूटरचित हस्ताक्षर होना प्रतीत हुआ। थाना सिविल लाईन बिलासपुर में सीजेएम न्यायालय से आये डाक व अन्य दस्तावेज जिसमें माननीय सीजेएम डमरूधर चौहान के हस्ताक्षर है से मिलान करने पर न्यायालय के दस्तावेज एवं राजेश मैसी के द्वारा बनवाये गये दस्तावेज के हस्ताक्षर में भिन्नता पाया गया।
तब राजेश मैसी से बारिकी से पूछताछ करने पर बताया कि दिल्ली के हेड क्वार्टर से कहा गया कि एप्लीकेशन में मजिस्ट्रेट का सील साईन कराकर भेजें। तब अपने वकील राहुल गोस्वामी को न्यायालय से सील साईन कराने के लिये कहा। राहुल गोस्वामी ने फार्म में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान का सील साईन कराकर देने की बात कही। तब पुलिस ने एडवोकेट राहुल गोस्वामी को तलब कर पूछताछ किया तो बताया कि 04 से 06 माह पूर्व राहुल गोस्वामी और राजेश मैसी दोनो मिलकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के न्यायालय से पद नाम का दाण्डिक सील एवं दाण्डिक गोल सील को चोरी कर दस्तावेजों में सील लगाया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान का कुटरचित फर्जी दस्तावेज राजेश मैसी के कब्जे से प्राप्त आवेदन पत्र, मैग्जीन पब्लीश कराने हेतु जिसमें भी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर का हस्ताक्षर करना पाया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के पदनाम का सील एवं दाण्डिक गोल सील के अलावा फर्जी हस्ताक्षर भी किया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के कार्यालय से पूर्व में सील एवं दाण्डिक गोल सील गुम होने के संबंध में थाना सिविल लाईन में सूचना दिया गया था। जांच में आरोपियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के पदनाम की दाण्डिक सील को षडयंत्रपूर्वक चोरी कर कुटरचित दस्तावेज तैयार किया और इन दस्तावेज का उपयोग किया गया। आरोपीगणों के विरूध्द धारा 379, 467, 468, 471, 120बी भादवी के तहत अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में आरोपीयों से घटना में प्रयुक्त कार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के पदनाम का सील एवं दाण्डिक गोल सील लगा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान का कुटरचित फर्जी हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज जप्त किया गया है। प्रकरण में आरोपियों से घटना में प्रयुक्त दस्तावेज एवं न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री डमरू धर चौहान के पद नाम की सील तथा अन्य साक्ष्य संकलन करना शेष है। आरोपियों को गिर0 कर माननीय न्यायालय पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया है आरोपियों से पूछताछ जारी है। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी सनिप रात्रे, उप निरीक्षक धर्मेंद्र वैष्णव, उपनिरीक्षक संजय बरेट, आरक्षक सरफराज खान, धीरेंद्र तोमर, विकास यादव, संजय नारंग, देवेंद्र दूबे, अमित पोर्ते तथा सायबर सेल बिलासपुर की भूमिका सराहनीय रही।
नाम आरोपी-:
1).राजेश मैसी पिता जया मैसी उम्र 42 वर्ष निवासी सॉची होम्स म.नं.-18 मोपका थाना सरकण्डा बिलासपुर
2).राहुल गोस्वामी पिता श्री पुरन पूरी गोस्वामी उम्र 31 वर्ष निवासी कस्तूरबा नगर थाना सिविल लाईन बिलासपुर
बिलासपुर से एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा भेजी गई खबर के आधार पर
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