जस्टीस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में डीबी कॉर्प को औरंगाबाद हाईकोर्ट से करारा झटका
उप समाचार संपादक सुधीर जगदाले के दावे पर दिव्य मराठी के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश
बकाया नहीं दिया तो होगी जब्ती की कार्रवाई
पूरे देश के समाचार पत्र कर्मचारियों के वेतन और अधिकार से जूड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने दैनिक भास्कर समूह (डीबी कॉर्प ) के समाचार पत्र दिव्य मराठी दैनिक प्रबंधन को एक बार फिर फटकार लगाई है, जिसने देश भर के पत्रकारों का ध्यान आकर्षित किया है। औरंगाबाद के सहायक श्रम आयुक्त को भी 2019 में श्रम न्यायालय द्वारा पारित पुरस्कार के कार्यान्वयन में देरी के लिए माननीय उच्च न्यायालय ने जमकर लताड़ लगाई है। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार, उप समाचार संपादक सुधीर भास्कर जगदाले के दावे पर दैनिक भास्कर समूह (डीबी कॉर्प ) दिव्य मराठी के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे द्वारा यह लैंडमार्क जजमेंट पारित किया गया।
बताते हैं कि सुधीर जगदाले के पक्ष में आदेश देते हुए औरंगाबाद श्रम न्यायालय द्वारा दैनिक भास्कर समूह (डीबी कॉर्प ) को 4 जनवरी 2019 जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार तीन महीने के भीतर बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ दैनिक भास्कर ग्रुप (डीबी कॉर्प ) की दिव्य मराठी प्रबंधन ने श्रम न्यायालय में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी। जिसे 10 जून 2019 को श्रम न्यायालय ने खारिज कर दिया। उसके बाद डीबी कॉर्प ने इस अवार्ड का विरोध किया और उसे मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में चुनौती दी थी तथा उस पर स्टे की मांग की।
मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में इस मामले की पहली तारीख 23 सितंबर 2019 थी। डीबी कॉर्प लिमिटेड के प्रबंधन ने स्टे की मांग की। औरंगाबाद हाईकोर्ट ने दिव्य मराठी (डीबी कॉर्प ) को निर्देश दिया कि वह 50 फीसदी बकाया कोर्ट में जमा करे उसके बाद ही मामले की सुनवाई होगी । करीब ढाई साल से दैनिक भास्कर समूह ने इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी 50 प्रतिशत राशि अदालत में जमा नहीं की । इसलिए उप समाचार संपादक सुधीर जगदाले फिर मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में दौड़े और कहा कि श्रम न्यायालय द्वारा पारित अवार्ड के निष्पादन और वसूली प्रमाण पत्र जारी करने से तकनीकी आधार पर परहेज किया जा रहा है। इसलिए सहायक श्रम आयुक्त को वसूली प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया जाए।
इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दैनिक भाष्कर (डीबी कॉर्प ) प्रबंधन के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश 23 मार्च 222 को दिया । सुधीर जगदाले की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता यतिन थोले ने अपना पक्ष रखा जबकि श्रम न्यायालय में मामले में सुधीर का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस. एम. शिंदे और अधिवक्ता प्रशांत जाधव ने रखा।
माननीय उच्च न्यायालय के 23 मार्च 2022 को जारी आदेशानुसार सहायक श्रम आयुक्त को आगे की कार्रवाई करनी होगी। श्रम पत्रकार अधिनियम की धारा 17 (3) के तहत दैनिक भास्कर समूह (डीबी कॉर्प लिमिटेड) के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जल्द ही जारी किया जा सकता है। उसके बाद भी यदि दैनिक भास्कर समूह (डीबी कॉर्प ) उप समाचार संपादक सुधीर जगदाले को मजीठिया वेतन आयोग के अनुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है, तो जिला कलेक्टर डीबी कॉर्प के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई कर सकता है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
9322411335
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