Pt. Harishankar Shukla Memorial College: पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन तृतीय सेशन की रिसोर्स पर्सन डॉ. अर्ची दुबे (Assistant Professor) ने NEP2020 में IKS की आवश्यकता पर बात करते हुए कहा कि लम्बे समय तक टिकने के लिये हमें प्राचीन अखंड भारत की शिक्षा प्रणाली को ग्रहण करना होगा। चाणक्य के तीन सूत्र विद्या, विवेक एवं विचक्षण के आधार पर शिक्षा प्रणाली को प्रभाव में लाकर हम विश्व गुरू बनने की राह पर आसानी से चल सकते हैं। भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) NEP2020 का अभिन्न अंग है जो कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी। डॉ. अर्ची दुबे ने महाभारत के अनेक प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए NEP2020 की आज के समय में जरूरत को समझाने की कोशिश की।
दूसरे दिन के अंतिम एवं चतुर्थ सेशन में डॉ. इंदिरा शुक्ला (पूर्व प्रधानाचार्य, गोखले एजुकेशन सोसायटी, मुबई) ने ऑनलाइन मोड में जुड़ कर भारतीय शिक्षा प्रणाली की प्राचीन धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरुकुल पद्धति में शिष्य अपनी रूचि एवं प्रतिभा के अनुसार बहुत सारी कलाओं का अध्ययन कर एक विशिष्ट नागरिक बनता था। NEP2020 भी इसी प्रणाली पर चल कर भविष्य में अच्छे एवं विशिष्ट नागरिक समाज को देने पर काम कर रही है। एवं हमें इसको पूरे विश्वास के साथ स्वीकार करना होगा।
कार्यशाला की अंतिम कड़ी में महाविद्यालय के छात्रों द्वारा पंथी नृत्य प्रस्तत किया गया। वेलेडिक्टरी सेशन में सभी उपस्थित छात्रों एवं शोधार्थियों को महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ममता शर्मा द्वारा प्रशस्ति पत्र दिये गये। चेयरमेन सुशील शुक्ला जी ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन पर पूरे महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि महाविद्यालय हर नवागत वस्तु को स्वीकार करते हुए निरंतर अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है एवं भविष्य में भी रहेगा।