हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार उत्पीड़न प्रकरण में हरिद्वार जिले के तत्कालीन आईपीएस अधिकारी, और हरिद्वार के ही दो इंस्पेक्टर सहित 3 महिला दरोगा आदि ने एक साथ होकर साजिश के तहत झूठा मुकदमा लिख कर पत्रकार परेशान कर गंभीर यातनाएं, शारीरिक, मानसिक, यातनाएं दी थी। सूत्रों की माने तो पुलिस ने घटना की सीसीटीवी फुटेज भी गायब करवा दी थी। आपको बताते की उत्तराखंड के धर्म नगरी कहे जाने वाले हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान के साथ पुलिस के द्वारा 6 अगस्त 2021 को झूठा मुकदमा दर्ज कर वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान व उनके पुत्र को सलाखों के पीछे डाल दिया था। जिसके विरोध में देश भर के पत्रकारों सहित पत्रकार की कई संगठनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की थी और झूठा मुकदमा वापस लेने के लिए आंदोलन भी चलाया गया था इस संबंध में पीड़ित वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान ने आरोपी 6 पुलिस अधिकारियों की सेवा समाप्त कर इनकी संपत्ति की जांच कर पत्रकार को मुआवजा दिलाने की मांग देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल आदि से की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्रांक संख्या 550/4704, 2022 को उत्तराखंड डीजीपी को जांच के आदेश दिए हैं। अब देखना ये होगा कि क्या इस आदेश के बाद वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान को इंसाफ मिल पाएगा या नही
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