आप लोगों ने कई पत्रकारों को देखा होगा जो अपने कलम या माइक की ताकत से सितम की हकीकत को जनता तक पहुंचाते हैं। आज जनता की आवाज प्रशासन तक पहुंचाने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए मीडिया बहुत बड़ा साधन है। लेकिन सोशल मीडिया पर एक नन्हा पत्रकार बहुत फेमस हो रहा है जिसने […]Read More
Category : सोशल मीडिया
हिन्दी पत्रकारों का बुढ़ापा और भविष्य छह आठ महीने पहले एक अनजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने पूछा कि संजय जी आपका नंबर मेरे पास काफी समय से सेव है मैं पहचान नहीं पा रहा हूं कि आप कौन हैं। सभ्य और बुजुर्ग सी आवाज थी तो मैंने अपना परिचय बता […]Read More
फ़ेसबुक की शुरुआत दोस्तों के बीच बिना एक-दूसरे को देखे चैट करने के मक़सद से हुई थी। कुछ बिछड़े दोस्त मिले भी। इसके माध्यम से कुछ छोटे देशों में राजनीतिक उठापटक भी हुई। फिर एलीट क्लास इसे छोड़ कर ट्वीटर पर चला गया। बचे लोगों में से कुछ ने इसका इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता बढ़ाने के […]Read More
बदली, बढ़ी, बिखरी पत्रकारिता और चंदन! हरिशंकर व्यास ‘धर्मयुग’ मठ के अनुशासन में निकलती पत्रिका वहीं रविवार एक्ट़िविज्म और एजेंडे में खिली हुई पत्रिका। पता नहीं धर्मवीर भारती ने ‘रविवार’ की प्रारंभिक सफलता पर क्या सोचा होगा? उन्हें वह एक छिछोरी पत्रिका समझ आई होगी। मोटे तौर पर मेरा मानना है कि 1980 के वक्त […]Read More
आज सुबह “आज तक” न्यूज़ चैनल पर ‘वायरल के सच’ प्रोग्राम में दिखाया गया कि एक हिरण की पीठ पर बंदर सवार है। एंकर महोदया इसे एक अजूबा बता रही थीं। ख़ैर, एंकर पर कोई टिप्पणी नहीं लेकिन डेस्क पर जिसने भी वह स्टोरी लिखी होगी, उसे इतनी तमीज़ नहीं कि वह वन्य-जीवन के बारे […]Read More
कांग्रेस की बाईपास सर्जरी है कन्हैया की एंट्री जब हर दवा बेअसर होने लगे और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा हो तब बाईपास सर्जरी का रिस्क उठाया जाता है। इसे बहादुरी भी कह सकते हैं और मजबूरी भी। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और वामपंथी युवा नेता कन्हैया कुमार को शामिल करके कांग्रेस ने अपनी […]Read More
पत्रकारिता का रुतबा और हाल तो सबको पता है। आजकल यू-ट्यूब चैनल और यूट्यूब की पत्रकारिता का जमाना है। अच्छी और नए किस्म की पत्रकारिता हो रही है। जो मुख्यधारा की पत्रकारिता से काफी अलग है। कई दिनों से उसपर, वहां की खबरों व वीडियो तथा सितारों पर लिखने की सोच रहा हूं पर आज […]Read More
खेल खत्म – राहुल गांधी (खबर और उसका नहीं छपना तथा उसके मायने) मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री अपना जन्म दिन रोज मनाते – पी चिदंबरम। शुक्रवार, 17 सितंबर को 2.26 करोड़ लोगों को टीका लगाए जाने के संदर्भ में। द टेलीग्राफ का कोट 19 सितंबर को पहले पन्ने पर। इंडियन एक्सप्रेस ने टीका लगाने […]Read More
आज भास्कर के कई संस्करणों में फ्रंट पेज पर पहली खबर है कि ‘विदेशी कंपनियों की पुहंच में होगा किसानो जमीनो का डेटा’……अब शायद आपको समझ आ जाए कि 2019 नवम्बर में बिल गेट्स के भारत दौरे का क्या उद्देश्य था ? साथ ही आपको किसान नेता राकेश टिकैत की वह बात भी समझ में […]Read More
द हिन्दू में इस खबर का शीर्षक है, “सुप्रीम कोर्ट पेगासस मामले में अंतरिम आदेश जारी करेगी
सरकार ना तो पेगासस के उपयोग से इनकार कर रही है ना स्वीकार कर रही है गैरकानूनी काम करने वाली सरकार और उसके समर्थकों की पोल खुलेगी? सत्ता में रहते पेगासस मामले में सरकार के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे होगी? पेगासस मामले में आज के अखबारों में एक प्रमुख खबर है। मेरे पांचों अखबारों में […]Read More