• November 15, 2024

अखबार का एडिटर ही अखबार में क्या छापना और क्या नहीं छापना है तय करते हैं

 अखबार का एडिटर ही अखबार में क्या छापना और क्या नहीं छापना है तय करते हैं

मैं दैनिक भास्कर हूं। मैं किसी पार्टी का मुखपत्र नहीं हूं। मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन, मैं किसी का गुलाम भी नहीं हूं। हमारा विजन स्पष्ट है। मैं पाठक के साथ हूं, जो हर दिन इस चाह में घर का दरवाजा खोलकर अखबार उठाता है कि उसको सिर्फ खबरें मिलेंगी। और हमारे लिए खबर वही है जो सच्चाई है। पर, लगता है सच्चाई आज के हुक्मरानों को पसंद नहीं है। उन्हें तो ऐसा मीडिया चाहिए जो उनकी हां में हां मिलाए। और यही टीस केंद्र में बैठी सरकार ने आज निकाली। खैर, आज का दिन भास्कर के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। ये सरकार आज है कल नहीं रहेगी, लेकिन इतिहास कभी नहीं मिटता। और इतिहास यह बन चुका है कि जब सभी हिंदीभाषी अखबार सरकार की गोद में थे तब भास्कर अपने पाठकों के साथ था। जिन्हें यह गलतफहमी हो कि दैनिक भास्कर भाजपा के खिलाफ है उन्हें राजस्थान की कांग्रेस सरकार से पूछना चाहिए कि दैनिक भास्कर कैसी रिपोर्टिंग कर रहा है। उन्हें पूछना चाहिए छत्तीसगढ सरकार से। यकीन न हो तो पंजाब के लोगों से पूछिए कि दैनिक भास्कर वहां भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ वैसी ही रिपोर्टिंग कर रहा है जैसे गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में कर रहा है। यकीन मानिए कांग्रेसी भी तब भास्कर के बारे में निगेटिव ही बाते करेंगे। भास्कर एक मात्र अखबार है जहां मालिकों से कोई गाइडलाइन नहीं आती कि आपको कैसी खबर छापनी है। यहां अखबार का एडिटर ही अखबार में क्या छापना और क्या नहीं छापना है तय करते हैं। आप समझ सकते हैं कि जब गुजरात जैसे भाजपा के गढ़ में रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए लोग तड़प रहे थे और राज्य सरकार हॉस्पिटल को इंजेक्शन मुहैया नहीं करा पा रही थी तब भाजपा ने इंजेक्शन बांटना शुरू कर दिया था। तब हमारे स्टेट एडिटर Dev Sushil Bhatnagar  सर ने बोल्ड काॅल लेते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल का मोबाइल नंबर छापकर लिख दिया कि जिनको रेमडेसीविर की जरूरत हो इस नंबर पर काॅल करे। आप सोच नहीं सकते कितना बड़ा फैसला था। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि इसके लिए उन्होंने एमडी सर से कोई इजाजत नहीं ली थी। इसके बावजूद एमडी सर ने ये नहीं पूछा कि आपने इतना बड़ा निर्णय कैसे ले लिया। उल्टा उन्होंने डेली की समीक्षा में उनकी तारीफ की। मैं बहुत छोटा मुलाजिम हूं दैनिक भास्कर का, लेकिन पिछले चार साल से अपने एडिशन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहा हूं, कभी भी नहीं लगा कि फला नेता या फला पार्टी के प्रति साॅफ्टकाॅर्नर अपनाने के लिए मुझपर कोई दबाव रहा हो। हमारे एमडी सर का स्पष्ट निर्देश है कि सच है तो मजबूती से छापो। किसी पार्टी से हमारा कोई सरोकार नहीं है। हम सिर्फ अपने पाठकों के प्रति जिम्मेदार हैं। और भास्कर वही करता आ रहा है। जिन भाजपाई मित्रों को लगता होगा कि यह अखबार मोदी और शाह के खिलाफ है तो वो अखबार हिंदी भाषी उन राज्यों के दैनिक भास्कर एडिशन की खबरें पढ़ लें जहां कांग्रेस की सरकारें हैं। उनका भ्रम दूर हो जाएगा। मैं तो यही कहूंगा कि केंद्र सरकार ने आज भास्कर को और मजबूत कर दिया। हमारा ब्रांड और विश्वसनीय हो गया। हम निराश नहीं हैं उल्टा हमें और हौसला मिला है। आज पूरा देश हमारे साथ है। सच परेशान हो सकता है लेकिन हार नहीं सकता। हम इसके लिए तैयार थे इसलिए हम और मजबूती और ईमानदारी से खबरें लिखेंगे।

वीरेंदर राय 


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