लंबे तनाव के बाद विडियो जर्नलिस्ट संदीप मोरे ने की आत्महत्या
मुंबई में काफी लंबे समय तक तनाव में रहने के बाद 19 अक्टूबर को न्यूज 18 इंडिया के वीडियो जर्नलिस्ट संदीप मोरे ने आत्महत्या कर ली । वो अपने पीछे पत्नी और बच्चे को छोड़ गए हैं । संदीप मोरे साल 2007 से नेटवर्क 18 ग्रुप में काम कर रहे थे । इसके पहले संदीप मोरे आज तक के मुंबई ब्यूरो में भी काम कर चुके थे । 42 वर्षीय संदीप मोरे मुंबई प्रेस क्लब के सक्रिय सदस्य भी थे । उनके सहकर्मियों ने बताया कि कंपनी की तरह से उन्हे वार्निग नोटिस दिया गया था जिसका मतलब था कि उन्हे काम पर से निकाल दिया जाएगा । वह पत्र मिलने के बाद से से संदीप मोरे काफी तनाव में चल रहे थे और आखिरकार उन्होंने 19 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली । नेटवर्क 18 के किसी भी कर्मचारी को परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान पत्र मिलने के एक महीने के एक महीने बाद नौकरी से निकाल दिया जाता है । संदीप मोरे को चिंता सता रही थी कि अगर उन्हें काम पर से निकाल दिया गया तो दूसरी जगह काम मिलेगा कि नहीं अगर काम नहीं मिला तो उनके परिवार का गुजारा कैसे होगा । टीआरपी के लिए भागम भाग कर रहे बड़े मीडिया संस्थानों के मैनेजमेंट की बहुत ही चालाकी भरी रणनीति के कारण अनेकों लोगों को नौकरी गवांकर घर पर बैठना पड़ा है और फिर दूसरी फील्ड में काम भी नहीं मिलता है । जिससे बेरोजगार व्यक्ति की जिंदगी बहुत ज्यादा पीड़ादायक हो जाती हैं। ये बड़ी – बड़ी कंपनियां समय समय पर पुराने रिपोर्टर्स को काम पर से निकालकर रखती है क्योंकि पुराने कर्मचारियों को पगार ज्यादा देनी पड़ती है और उसकी जगह पर जब नए कर्मचारी को काम पर रखते हैं। बेरोजगारी इतने बड़े पैमाने पर फैली है कि जिस काम के लिए 40 हजार रुपए महीना पगार होनी चाहिए उसी काम को एक नया कर्मचारी 10 हजार रुपए में काम के लिए तैयार हो जाता है । इसका फायदा ये बड़ी – बड़ी कंपनियां उठाती हैं ।
पुरुषोत्तम जी वरिष्ठ पत्रकार
var /*674867468*/