हरिद्वार में आजकल एक वीडियो खूब चर्चा का विषय बना हुआ है कहते है अगर भंडारा खाओ और पैसे ना मिले सवाल ही पैदा नहीं होता और अगर पैसे भी कोई 20 या 50 नहीं पुरे 500 रूपये कोई जाए या ना जाये पर हरिद्वार के कुछ तथाकथित पत्रकार भंडारा हो या कोई ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस हो जहा लिफाफा ना मिले ये ना पहुंचे ऐसा तो हो ही नहीं सकता ऐसा ही एक मामला हरिद्वार के एक संत के यहाँ देखने को मिला जहा लाइन में बैठे कुछ पत्रकारों ने तो हद ही पार कर दी हरिद्वार से आजतक के पत्रकार कहे जाने वाले मुदित अग्रवाल हो या इंडिया टीवी व जनसत्ता के पत्रकार सुनील दत्त पांडेय हो इनको भी इस 500 की पत्ती के आगे संत के सामने झुकना ही पड़ गया क्या इनका संस्थान इन्हे इनके द्वारा भेजी गयी खबर / स्टोरी के पैसे नहीं देता या कोई सेलरी नहीं देता जो इन जैसे पत्रकारों ने अपना स्तर गिरा दिया है सूत्रों की माने तो मुदित अग्रवाल के सीधे सम्बंध आजतक में बैठे उनके आका सुप्रिया जी से है एक समय वो था जब कोई साप्ताहिक अखवार का पत्रकार किसी के यहाँ खबर के लिए चला जाता था तो आदमी सोचता था की किस लिए आया है ये पत्रकार पर आज के टाइम में इन जैसे पत्रकारों ने तो अपने साथ साथ आजतक, इंडिया टीवी जैसे चेनलो / संश्थानो की मिटटी पलीठ करा रखी है ऐसा नहीं है की चैनल के ही कुछ पत्रकार ऐसे है अगर बात करे प्रिंट मिडिया की तो दैनिक जागरण हरिद्वार से सहप्रभारी महताब आलम भी पीछे नहीं है उन्होंने भी 500 रुपये संत से ले लिए वही अब बात करते है एक ऐसे पत्रकार की जो अपनी सेवायें कई प्रिंट मिडिया और चैनल में दे चुके है महावीर नेगी जी इन्होने भी आगे बढ़कर 500 रूपये लिए और जेब में डाल लिए कही ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई वीडियो वाइरल हो चुके है
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हरिद्वार से एक पत्रकार द्वारा भेजी गयी खबर के आधार पर