डिजिटल इंडिया और भीख

 डिजिटल इंडिया और भीख

डिजिटल इंडिया और भीख!!!!
वाक्या कल रात का है। रात के कोई 9 बजे घर से टहलने निकला था। बड़ी दीदी और पत्नी साथ में थी। घर के पास चलती सड़क पर साइकिल पर झाड़ू बचने वाले युवक ने रोक लिया। उसने कुछ पैसे मांगे। चूंकि, पर्स लेकर नहीं निकला था, सो मैंने मना कर दिया। देखते ही देखते एक और युवक आ गया। उसने कुछ गुब्बारे हाथ में पकड़े हुए थे। अब दोनों मिलकर पैसे मांगने लगे। दीदी और पत्नी आगे बढ़ गईं, लेकिन मैं दोनों युवकों के पास खड़ा रह गया। इतने में तीसरा युवक भी आ गया। तीनों की उम्र 18-20 साल के आसपास थी। मैंने समझाया कि कैश नहीं है। तपाक से एक युवक बोला, भईया पेटीएम, फोनपे या कुछ भी ऑनलाइन ट्रांसफर कर दो। खाना नहीं खाया है। सामने होटल में गए थे। उसने भगा दिया। सर्द रात और भूखे युवकों को देखकर मन थोड़ा पसीजा। मैंने पेटीएम नंबर पूछा और कुछ पैसे ट्रांसफर कर दिए। कमाल यह कि वो वॉलेट नहीं, UPI पैमेट था। पैसे सीधे बैंक अकाउंट में गए। हालांकि, मैंने उनसे आश्वासन लिया कि खाना ही खाना, नशा मत करना। मैं आगे बढ़ गया और वो तीनों अंधेरे में ओझल हो गए।

कैश नहीं है तो फोन पर मनी ट्रांसफर… क्या यही डिजिटल इंडिया की सफलता है, क्योंकि पिछले कुछ अर्से में यह चौथी-पांचवीं बार था, जब मैंने किसी को राह चलते यूं मोबाइल से पैसे ट्रांसफर किए थे। संसद में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल इंडिया पर तंज कसा था कि गरीब आदमी कैसे बार-कोड स्कैन कराएगा? खैर, अब भारत उस तंज से बहुत आगे निकल गया है। एक बात और… अब सभी के बैंक खाते हैं, क्योंकि सरकार ने जीरो बैलेंस पर जनधन अकाउंट खुलवाए हैं। पर, सरकार ऐसे उपाय तो जरूर करे कि कम से कम युवाओं को भीख मांगनी न पड़े।

इनदिनों जयपुर शहर के अलग-अलग इलाकों में रैन-बसेरे चल रहे हैं। जहां भोजन और रजाई, दोनों की व्यवस्था है। हां, मैं जिस क्षेत्र में रहता हूं, वहां मैंने कोई रैन-बसेरा नहीं देखा है। जयपुर नगर निगम (ग्रेटर) को मुहाना मंडी के आसपास निश्चित ही रैन-बसेरा बनाना चाहिए। यहां लोगों की आवाजाही ज्यादा है।

केंद्र सरकार ने हाल में 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन सुविधा देते रहने की तिथि बढ़ाई है। योजना के बावजूद भोजन के लिए भीख मांगी जा रही है तो यह विचारणीय है।

तीनों युवाओं को मैंने कुछ पैसे देकर मन को तसल्ली दे ली कि मेरे दिए पैसों से वो युवक भोजन ही करेंगे। मैंने उन युवकों को बिन मांगे सलाह भी दी कि यदि झाड़ू या गुब्बारे बेचकर भी भीख मांगनी पड़ रही है तो धंधा बदल लो। वो सलाह मानेंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है।

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