टीवी पर डिबेट और प्राइम टाइम दोनों एक जैसे हैं। लोग अपनी-अपनी सब्जी बेचते हैं

 टीवी पर डिबेट और प्राइम टाइम दोनों एक जैसे हैं। लोग अपनी-अपनी सब्जी बेचते हैं

सवाल !
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“आज तक” पर कल दिल्ली के दंगे को लेकर डिबेट थी। इसी मामले पर मौलाना रविश कुमार को अपन प्राइम टाइम में सुन चुके थे। टीवी पर डिबेट और प्राइम टाइम दोनों एक जैसे हैं। एक में बहुत लोग अपनी-अपनी सब्जी बेचते हैं और दूसरे में एक अकेला अपना ठेला लगाता है !

कल दंगे पर डिबेट थी। अंजना ओम कश्यप, चित्रा त्रिपाठी और श्वेता सिंह से कौन परिचित नहीं। अलबत्ता श्वेता सिंह का जो स्क्रीन प्रेजेंस है, वो लाजवाब है ! फ़िल्म मेकर बनना चाहती थीं ये, लेकिन न्यूज़ एंकर बन गईं। जो हो। याद नहीं पड़ता कि अपन ने कभी इनको टीवी डिबेट में देखा हो। यद्यपि इन्हें टीवी स्क्रीन पर बहुत देखा है। फ़िल्म चक दे इंडिया में बड़े परदे पर भी देखा। यों यह वही श्वेता सिंह हैं, जिन्होंने नोटबन्दी के दौरान देश को बताया था कि नये शुरू होने वाले दो हजार के नोट में नैनो चिप लगी आएगी ! पत्रकारिता में, खासकर जब देश में हाराकिरी का आलम हो, ऐसी खबरें या चूक बहुत आम बात है। चलिए अपन तो मूल मुद्दे पर लौटते हैं।

बात कल की डिबेट की हो रही थी। उसमें यह था कि “आज तक” को दंगे की वजह की तलाश थी। जवाब में बाकी सब अपने-अपने हिसाब से वो वजह सामने रख रहे थे। इसी दौरान संबित पात्रा ने कांग्रेस के प्रवक्ता से चौंकाने वाला सवाल पूछा ! पूछा कि, “तुम कैसे हिन्दू हो ?” जाहिर है प्रवक्ता हिन्दू हैं।

हालांकि इस सवाल से पूरा देश परिचित है। अपन भी खूब भिज्ञ, लेकिन कभी सोचा न था कि यह टीवी की डिबेट में भी सुनने को मिलेगा। कल यह वहां पहली बार गूंजा और जब कानों में पड़ा तो यकीन मानिए दिल एकबारगी जोर से लरजा ! फिर “शोले” का वो कमाल संवाद अचानक स्मरण हो आया। संवाद में अभिताभ बच्चन भी सवाल ही पूछते हैं। वो पूछते हैं, “तुम्हारा नाम क्या है बसंती ?” इस कमाल संवाद की टाइमिंग भी कमाल थी !

बहरहाल सवाल यह भी अहम है कि पात्रा ने कल जब टीवी पर पहली बार यह सवाल डिलेवर किया तो उसकी टाइमिंग कैसी है ? तुम कैसे हिंदू हो, यह कोई आसान सवाल नहीं है। इसके बहुत गहरे मायने हैं। अलबत्ता हर हिन्दू को यह ठीक माहिती हो जाये कि वो कैसा हिन्दू है तो इसमें कोई बुरी, अनैतिक, असंवैधानिक या गलत बात है ? पात्रा ने इस सवाल को टीवी पर पहुंचा दिया है। यह इतना अहम नहीं कि किससे पूछा गया, लेकिन सवाल विचारणीय तो बराबर है। विचारियेगा !

चंद्रशेखर शर्मा वरिष्ठ पत्रकार

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