कभी बॉक्स ऑफिस के बादशाह कहलाने वाले अभिनेता शाहरुख खान को हिंदी सिनेमा में कदम रखे 30 साल पूरे हो गए हैं। 25 जून 1992 को उनकी पहली फिल्म ‘दीवाना’ रिलीज हुई थी। इन तीस साल में शाहरुख खान ने जिंदगी के तमाम उतार चढ़ाव देखे। उनके घर मन्नत के सामने अब भी हर रोज उनके दीवानों का जमघट लगता है। उनकी आने वाली फिल्मों ‘पठान’, ‘डंकी’ और ‘जवान’ को लेकर रोज कुछ न कुछ सुर्खियां बनती रहती हैं। उनकी पिछली फिल्म ‘जीरो’ को लेकर निर्देशक आनंद एल राय को अब भी चुभने वाले सवालों का सामना करना होता है, लेकिन इन 30 साल का एक किस्सा ऐसा भी है जिसे शाहरुख खान भुलाना भी चाहें तो नहीं भूल सकते। जी नहीं, बात उनके बेटे आर्यन खान के जेल जाने की नहीं है, बल्कि ये किस्सा है उनके अपने पुलिस हवालात पहुंच जाने का।
माया मेमसाब
ये किस्सा है शाहरुख खान की 1993 में रिलीज हुई फिल्म ‘माया मेमसाब’ को लेकर छपे एक गॉसिप का जिसे लेकर हुए झगड़े के बाद शाहरुख खान को हवालात की हवा खानी पड़ी। शाहरुख और इस मामले में उनके निशाने पर आए पत्रकार के बीच बाद में मामला सुलझ तो गया लेकिन शाहरुख के दामन पर लगा ये दाग उनके तमाम माफी मांगने के बाद भी छूट नहीं पाया। शाहरुख को पहले गुस्सा बहुत जल्दी आता था। वानखेड़े स्टेडियम में वह आईपीएल के दौरान वहां के कर्मचारियों से भिड़ चुके हैं। कैटरीना कैफ की पार्टी में सलमान खान से उनकी हाथापाई होते होते बची और शिरीष कुंदर वाला चर्चित किस्सा तो सबको पता है ही। शाहरुख को जो करीब से जानते हैं, वह ये भी जानते हैं कि उनको अपने अहं को जरा भी ठेस बर्दाश्त नहीं है। हुआ यूं कि एक फिल्म पत्रिका ने शाहरुख और फिल्म ‘माया मेमसाब’ की हीरोइन दीपा मेहता को लेकर एक आलेख छाप दिया। इसके मुताबिक फिल्म के निर्देशक और दीपा मेहता के पति केतन मेहता ने फिल्म में एक बेहद रूमानी बेडरूम सीन रखा। इसकी शूटिंग के लिए न तो शाहरुख मन बना पा रहे थे और न दीपा। तो मैगजीन के मुताबिक केतन ने दोनों को एक रात साथ गुजारने को कहा ताकि वे दोनों एक दूसरे को ठीक से जान सकें और फिर अगले दिन ये सीन केतन ने सिर्फ अपने सिनेमैटोग्राफर अनूप जोटवानी के साथ शूट कर लिया। शाहरुख ने इसे पढ़ा तो वह आग बबूला हो गए। अगले ही दिन किसी फिल्मी पार्टी में उन्हें इस पत्रिका का एक बंदा मिला जिसे शाहरुख ने इस पूरे गॉसिप का राइटर समझ लिया और उसकी ऐसी की तैसी कर दी। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक शाहरुख ने इसके बाद इस शख्स के घर जाकर भी उधम मचाया। पुलिस ने इस मामले में शाहरुख को घंटों थाने में बिठाए रखा। इस किस्से को लेकर शाहरुख को बाद में तब बहुत अफसोस हुआ जब उन्हें पता चला कि जिस शख्स पर वह बिगड़े और जिसके घर पर जाकर उन्होंने हल्ला काटा, उसका इस पूरी रिपोर्ट से कोई लेना देना नहीं था। नेताओं के बारे में भी कुछ तीखी टिप्पणी एक बार शाहरुख खान ने की थी तो अमर सिंह ने उन्हें इसका सबक सिखाने का ऐलान किया था और कहा था कि शाहरुख बेइज्जती सार्वजनिक करते हैं और माफी अकेले में मांगते हैं। शाहरुख खान
फिल्म ‘माया मेमसाब’ के जिस सीन को लेकर इतना बखेड़ा हुआ, उसे देखने के लिए स्कूल कॉलेजों के छात्र भर भरकर ये फिल्म देखने पहुंचे थे लेकिन फिल्म से ये सीन सेंसर बोर्ड ने ऐन मौके पर निकाल दिया। तब यूट्यूब, व्हाट्सऐप या दूसरे सोशल मीडिया थे नहीं लेकिन फिल्म में से सीन काटे जाने की खबर शनिवार तक ही जमाने को हो चुकी थी और फिल्म देखने इसी के चलते गिनती के लोग ही पहुंचे थे। बहुत बाद में यानी कि साल 2008 में फिल्म से कटा ये सीन यूट्यूब पर अवतरित हुआ और तब ईमेल के जरिए ये खूब वायरल भी हुआ था। अगर आपने नेटफ्लिक्स पर अमेरिका के लोकप्रिय टीवी होस्ट डेविड लेटरमैन का शो देखा है तो उसमें भी शाहरुख के हवालात वाले किस्से का जिक्र है। इस शो में शाहरुख ने माना है कि करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें कुछ घंटे हवालात में गुजारने पड़े थे। शो में शाहरुख कहते हैं, “मैं तब नया नया आया था और हर खबर पर जो कुछ भी उसमें लिखा हो,
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