Cyclone Dana: चक्रवात ‘दाना’ को लेकर ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 56 टीमें तैनात की गई हैं। इस गंभीर तूफान के चलते भारतीय तटरक्षक बल हाई अलर्ट पर हैं। समुद्री क्षेत्रों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जहाजों और विमानों को तैयार रखा गया है। चक्रवात ‘दाना’ कभी भी ओडिशा के तट से टकरा सकता है, जिससे भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा बना हुआ है।
किसने दिया चक्रवात को ‘दाना’ नाम?
चक्रवात ‘दाना’ का नाम कतर ने दिया है। कतर ने ट्रॉपिक्स चक्रवातों के नामकरण के मानकों के अनुसार इस चक्रवात का नाम रखा है। यह नाम अरबी भाषा से लिया गया है, जिसमें ‘दाना’ का अर्थ ‘उदारता’ होता है। इससे पहले भी हमने चक्रवात ‘असना’, ‘बिपरजॉय’, और ‘रेमल’ जैसे तूफानों के नाम सुने हैं, जो विभिन्न देशों द्वारा दिए गए थे। हर तूफान का नाम अलग और अनोखा होता है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत तय किया जाता है।
कैसे होता है चक्रवातों का नामकरण?
चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में हुई थी, लेकिन हिंद महासागर क्षेत्र में यह प्रक्रिया साल 2000 से शुरू हुई। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और एशियाई प्रशांत क्षेत्रीय समिति (ESCAP) के तहत चक्रवातों के नाम दिए जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, ओमान और थाईलैंड ने शुरुआत में इस प्रक्रिया में भाग लिया, और 2018 में इसमें ईरान, कतर, सऊदी अरब, यमन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी शामिल हो गए।
भारत द्वारा सुझाए गए नाम और उनकी लिस्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 2020 में चक्रवातों के लिए 169 नामों की एक सूची जारी की थी, जिसमें हर देश द्वारा सुझाए गए 13 नाम शामिल थे। यह नाम पहले से तय किए गए होते हैं और प्रत्येक देश के सुझाव के आधार पर चुने जाते हैं।
ओडिशा और अन्य तटीय राज्यों पर प्रभाव
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ओडिशा के चार जिलों—जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, बालासोर और भद्रक में चक्रवात ‘दाना’ का सबसे अधिक प्रभाव रहने की चेतावनी दी है। इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, और बालासोर, मयूरभंज, और जाजपुर में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा (21 सेंटीमीटर से अधिक) हो सकती है।
चक्रवात की गति और संभावित प्रभाव
चक्रवात ‘दाना’ 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक ओडिशा तट से टकरा सकता है। इस दौरान हवाओं की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है। तेज हवाओं के साथ, तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है। आईएमडी ने लोगों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
चक्रवात ‘दाना’ को देखते हुए, NDRF और तटरक्षक बल ने तटीय क्षेत्रों में आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत अभियान चलाए जा रहे हैं और आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए टीमों को तैयार रखा गया है।