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एनपीजी। आईपीएस शालिनी सिंह को संघ शासित प्रदेश पांडिचेरी का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया हैं। वर्तमान में वे दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में विशेष आयुक्त हैं। वे एजीएमयूटी कैडर की 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वे मूलतः उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं। कानून में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की है। 4 दशकों में दिल्ली पुलिस में बतौर महिला पुलिस प्रमुख कार्यभार संभालने वाली शालिनी सिंह पहली महिला आईपीएस है। निर्विवाद छवि की शालिनी सिंह राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित हो चुकी हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो में रहने के अलावा महत्वपूर्ण पोस्टिंग में रही शालिनी सिंह के नाम कई उपलब्धियां दर्ज है। उनके पति भी आईपीएस अधिकारी हैं। अब पांडिचेरी पुलिस के प्रमुख यूबी श्रीनिवास के रिटायर होने के बाद उन्हें पांडिचेरी का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है। आइए जानते हैं उनके बारे में….
जन्म,शिक्षा और परिवार:–
शालिनी सिंह एजीएमयूटी कैडर की 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। मूलतः उत्तर प्रदेश से आने वाली शालिनी सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट परिवार से है। उनका जन्म 26 अक्टूबर 1968 को हुआ हैं। उन्होंने बीएससी के बाद एलएलबी और एलएलएम की शिक्षा ग्रहण की हैं। उनका विवाह पंजाब के ब्राह्मण परिवार के अनिल शुक्ला से हुआ है। अनिल शुक्ला भी 1996 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस हैं। 4 दशकों में शालिनी सिंह पहली महिला आईपीएस है जिन्हें दिल्ली के किसी जिले में पुलिस प्रमुख का दायित्व मिला हैं। कोरोना काल,दिल्ली किसान आंदोलन व कंझावला कांड में शालिनी सिंह ने महत्वपूर्ण काम किया है।
प्रोफेशनल कैरियर:–
शालिनी सिंह एजीएमयूटी कैडर की आईपीएस हैं। उन्होंने 4 सितंबर 1996 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की हैं। शालिनी सिंह पूर्व में तमिलनाडु कैडर की आईपीएस अधिकारी थीं। एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अनिल शुक्ला से विवाह के बाद उन्होंने मैरिज बेस पर कैडर चेंज कर एजीएमयूटी कैडर चुन लिया।
शालिनी सिंह महत्वपूर्ण विभागों में रही हैं। शालिनी अब तक के कैरियर के दौरान कई अहम पदों पर काम कर चुकी हैं। दिल्ली में 1 जुलाई 1978 को पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुई थी। तब से चार दशकों में किसी महिला आईपीएस को दिल्ली पुलिस रेंज का पुलिस प्रमुख नही बनाया गया था। शालिनी सिंह दिल्ली पुलिस की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में दिल्ली के पश्चिमी रेंज का संयुक्त आयुक्त नियुक्त किया। उस वक्त शालिनी सिंह अंडमान निकोबार में आईजी कानून व्यवस्था थी। वहां से दिल्ली वापस आकर उन्होंने पद ज्वाइन किया था। मार्च 2020 में कोरोना महामारी आने पर उन्होंने अपने पश्चिमी रेंज के तीनों जिलों द्वारिका, पश्चिमी जिला व आउटर दिल्ली जिला में पुलिसकर्मियों के साथ सड़कों पर गलियों में उतरकर काम किया। ड्यूटी के बाद शहर के बाहरी चेक पोस्टों में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों का हौसला बढ़ाने के लिए शालिनी जाया करती थी। कोरोना काल में थानों के भीतर जरूरतमंदों के लिए लंगर का इंतजाम शालिनी सिंह ने करवाया। दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम की जिप्सी से घर-घर में मौजूद गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती करवाने की मुहिम शालिनी सिंह ने चलाई। जो दिल्ली पुलिस के लिए मिसाल बना।
ताबूत से जब्त की शराब:–
कोरोना काल में शराब तस्करी रोकने के लिए शालिनी सिंह शराब तस्करों के पीछे पड़ी। एंबुलेंस में इलेक्ट्रिक ताबूतो में से शराब उन्होंने जब्त की थी। शालिनी सिंह दिल्ली में डीसीपी ईस्ट और डीसीपी वेस्ट भी रहीं थीं। इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी लंबे समय तक डेपुटेशन में शालिनी सिंह रही थी। कोरोना काल में दिल्ली में उनके द्वारा चलाए गए कामों की वजह से सुर्खियों में आई व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नजरों में शालिनी सिंह चढ़ गईं। दिल्ली के सुल्तानपुरी कंझावला इलाके में एक 23 साल की लड़की को 10–12 किलोमीटर तक कार के नीचे घसीटे जाने के बाद यह केस देशभर में चर्चा में आ गया था। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद शालिनी सिंह को फोन कर इस केस को अपने हाथों में लेने के लिए कहा था। जिसे शालिनी सिंह ने सुलझाया था।
दिल्ली के ख्याला इलाके में जब सांप्रदायिक तनाव था उस समय काफी अफवाह फैली थी। शालिनी सिंह लाउडस्पीकर लेकर सड़कों पर उतरी थी और अफवाहें दूर करने का काम किया था। 2004 में सीनियर सिटीजन लेफ्टिनेंट जनरल हरनाम सिंह और उनकी पत्नी की हत्या की गई थी। इस चर्चित केस को शालिनी सिंह ने सुलझाया और आरोपियों को नेपाल बॉर्डर पर पड़ा था। किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से रणनीति बनाने में शालिनी सिंह की अहम भूमिका थी। तिहाड़ जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर का मामला सामने आने और इसके बॉलीवुड कनेक्शन की जानकारी लगने पर नवंबर 2022 में शालिनी सिंह को आर्थिक अपराध निरोधक शाखा का स्पेशल कमिश्नर बनाकर भेजा गया था। इससे पहले शालिनी सिंह विशेष पुलिस आयुक्त पुलिस वेलफेयर थीं। सुकेश चंद्रशेखर के मामले के लिए विशेष तौर पर उन्हें भेजा गया था। अंडमान और पुडुचेरी में भी शालिनी सिंह ने सेवाएं दी हैं। उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें 2022 में राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक भी मिल चुका है।
जीवन साथी:–
शालिनी सिंह का विवाह अनिल शुक्ला से हुआ है। अनिल शुक्ला पंजाब के ब्राह्मण परिवार से आते हैं। उन्होंने सिविल ब्रांच इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी क्रैक की है। वे भी 1996 बैच के ही एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस हैं। अनिल शुक्ला एनआईए में पोस्टेड रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मुंबई का एंटीलिया केस हैंडल किया था। अनिल शुक्ला दिल्ली पुलिस में डीसीपी क्राइम ब्रांच, अरुणाचल में पुलिस उप महानिरीक्षक भी रह चुके हैं। पुलवामा अटैक में एनआईए आईजी के तौर पर इन्होंने जांच की थी। जुलाई 2023 में उन्होंने मिजोरम का डीजीपी नियुक्त किया गया था। वर्तमान में अनिल शुक्ला मिजोरम के पुलिस प्रमुख हैं।
1 अगस्त को करेंगी पदभार ग्रहण:–
शालिनी सिंह वर्तमान में दिल्ली पुलिस में आर्थिक अपराध शाखा की स्पेशल कमिश्नर है। इससे पहले शालिनी सिंह जॉइंट सीपी वेस्टर्न रेंज के पद पर पदस्थ थीं। पांडीचेरी के पुलिस प्रमुख यूबी श्रीनिवास के रिटायर होने के बाद शालिनी सिंह को पांडिचेरी का डीजीपी बनाया गया है। श्रीनिवास जम्मू कश्मीर कैडर के आईपीएस थे। वर्तमान में इस कैडर का एजीएमयूटी कैडर में विलय हो चुका हैं। उन्हें जून 2023 में पांडिचेरी पुलिस की कमान सौंपी गईं थीं। अब 1 अगस्त को शालिनी सिंह पांडिचेरी के डीजीपी का पद ज्वाइन करेंगी।