• September 8, 2024

Kamika Ekadashi 2024 : सावन की पहली एकादशी कब… यहाँ जानें पूजा विधि, मुहूर्त, महत्त्व और नियम

 Kamika Ekadashi 2024 : सावन की पहली एकादशी कब… यहाँ जानें पूजा विधि, मुहूर्त, महत्त्व और नियम

Kamika Ekadashi 2024 : पंचांग के हिसाब से हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाने की परंपरा है। यह एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है।

साथ ही सभी मनोकामनाएं सिद्ध हो जाती है। अब ऐसे में सावन की पहली एकादशी यानी कि कामिका एकादशी कब पड़ रही है, शुभ मुहूर्त क्या है और एकादशी तिथि का महत्व क्या है। इसके बारे में  विस्तार से जानते हैं।

Kamika Ekadashi कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को संध्याकाल 04 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी कि 31 जुलाई को संध्याकाल 03 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। बता दें, हिंदू धर्म में व्रत और त्योहार के लिए सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। इसलिए तिथि के हिसाब से 31 जुलाई को सावन माह की पहली एकादशी मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त क्या है?

शास्त्र के हिसाब से भगवान विष्णु की पूजा प्रात: काल में करने की मान्यता है। इसलिए साधक 31 जुलाई को सुबह 05:32 से सुबह 07:23 मिनट के बीच भगवान विष्णु की पूजा-पाठ विधिवत रूप से कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

शुभ योग



कामिका एकादशी के दिन ध्रुव योग बन रहा है। यह योग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक है। ज्योतिष शास्त्र में ध्रुव योग को बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधकों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है।


कामिका एकादशी व्रत का महत्व क्या है?

कामिका एकादशी के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है। उसे सभी पापों से छुटकारा मिल सकता है। इस व्रत को करने से जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बता दे, सावन के महीने में यह एकादशी व्रत पड़ता है। जिसका कारण इस एकादशी का महत्व अधिक बढ़ जाता है। इस एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव का आराधना करने से हर बिगड़े काम बन जाते हैं।

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