• November 22, 2024

हेल्थ अलर्ट : 18 से 44 साल की उम्र वाले हो जाएं सावधान, ये हैं जान के दुश्मन

 हेल्थ अलर्ट : 18 से 44 साल की उम्र वाले हो जाएं सावधान, ये हैं जान के दुश्मन
  • 18 से 44 साल की उम्र वाले हो जाएं सावधान।

  • स्ट्रोक और हार्ट अटैक बने जान के दुश्मन।

हार्ट की बीमारी लोगों की मौत का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा। इससे हर साल इससे लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हार्ट अटैक के अलावा एक और बीमारी लोगों की जान की दुश्मन बन रही है। स्ट्रोक के कारण मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि युवा आबादी में हार्ट अटैक के साथ स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे है। 18 से 44 की उम्र वालों में स्ट्रोक के मामले 15 प्रिशत तक बढ़े हैं। ये बहुत बड़ी चिंता का कारण है।

Anatomy of a Heart Attack
Heart Attack

CDC की रिपोर्ट के मुताबिक 65 वर्ष से कम आयु के लोगों में स्ट्रोक का जोखिम पिछले एक दशक में बढ़ा है। हालिया आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 18 से 44 वाले लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। स्ट्रोक जानलेवा तो है ही, वहीं स्ट्रोक से जान बच जाने की स्थिति में लकवा, मस्तिष्क-तंत्रिकाओं से संबंधित विकार सहित कई कई अन्य गंभीर समस्याओं का जोखिम भी रहता है।

स्ट्रोक को कुछ दशकों पहले तक उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के रूप में जाना जाता था, हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा, स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के साथ-साथ इस आयु वर्ग में मोटापा और उच्च रक्तचाप दोनों में वृद्धि हुई है। ये दोनों ही स्थितियां स्ट्रोक के खतरे को और भी बढ़ा देती हैं।

Stroke increasing among younger adults know its causes and prevention tips
Stroke increasing

स्टैनफोर्ड मेडिकल सेंटर (SMC) में विभाग निदेशक ग्रेगरी डब्ल्यू. अल्बर्स बताते हैं, युवा आबादी में हाल के वर्षों में ऐसे जोखिम कारक बढ़ते देखे गए हैं जो सीधे तौर पर स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने वाले माने जा रहे हैं। 2011-2013 और 2020-2022 के स्व-रिपोर्ट किए गए स्वास्थ्य डेटा की तुलना करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रोक के मामलों में लगभग 8% की वृद्धि हुई है। इसके जोखिम कारकों को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।

सीडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 18-44 वर्ष की आयु के लोगों में स्ट्रोक के मामलों में 14.6% जबकि 45-64 श्रेणी के वयस्कों में यह दर 15.7% तक बढ़ गई है। तुलनात्मक रूप से देखें तो पता चलता है कि 2000 से 2018 के बीच 45-64 वर्ष की आयु के वयस्कों में उच्च रक्तचाप वाले लोगों की संख्या में 6% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो स्ट्रोक के लिए प्रमुख जोखिम कारक है।

वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में न्यूरोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर मैथ्यू एस. श्राग कहते हैं, स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के लिए उच्च रक्तचार को प्रमुख कारक माना जा रहा है। युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ी है। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी देखी जा रही है। हमें व्यापक स्तर पर स्ट्रोक के जोखिम कारकों में सुधार को लेकर प्रयास करने की जरूरत है।

Stroke increasing among younger adults know its causes and prevention tips
Stroke

ऐसे काम करें स्ट्रोक के खतरे

वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स के अनुआसार उच्च रक्तचाप, स्ट्रेस और डायबिटीज को नियंत्रित रखना स्ट्रोक की रोकथाम के लिए जरूरी है। इसके साथ ये भी आवश्यक है कि आप आहार में भी सुधार करें। साइंस डेली जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि आहार में फाइबर वाली चीजों की मात्रा बढ़ाने से मदद मिल सकती है। दैनिक फाइबर सेवन में सात ग्राम की वृद्धि करके भी स्ट्रोक के जोखिम में सात प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है।

अच्छी दिनचर्या और अच्छा खाना हृदय रोग और स्ट्रोक दोनों से बचाव किया जा सकता है। इन दोनों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप कोलेस्ट्रॉल-ब्लड प्रेशर के स्तर की नियमित जांच करते रहें और इसे कंट्रोल में रखने के लिए उपाय करते रहें। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर अनियंत्रित रहता है उनमें इन दोनों प्रकार की जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।

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